दुनिया की अग्रणी संस्थाओं में से एक इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी (आईआरसी) ने मंगलवार को एक नई रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए कोरोना पर जनहानि की बड़ी चेतावनी दी है। ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव डेविड मिलिबैंड की अध्यक्षता वाली इस एजेंसी के मुताबिक दुनिया के 34 सर्वाधिक गरीब देशों में कोविड-19 वायरस का विनाशकारी प्रभाव होगा। इसके कारण करीब एक अरब लोगों में संक्रमण और 30 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
इन देशों में भारत का नाम नहीं है लेकिन हमारे 7 पड़ोसी देशों में से तीन- पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमारशामिल हैं। इसके अलावाअफगानिस्तान, सीरिया और यमन जैसे देश शामिल हैं जहां इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी सेवाएं दे रही हैं।
ब्रिटेन की स्कॉय न्यूज से बातचीत में डेविड मिलिबैंड ने कहा कि, कोरोना को लेकर अब तक बड़े कमतर अनुमान लगाए गए हैं, लेकिन वास्तविक जनहानि इससे कहीं अधिक होगी। इस महामारी से मुकाबले के लिए गरीब देशों को बहुत ही कम समय मिला है और इसी वजह से वहां बहुत व्यापक स्तर पर विनाश हो सकता है।
कौन से हैं 34 गरीब देश
आईआरसी ने जिन 34 देशों की स्थितियों का आकलन करके रिपोर्ट बनाई है उनमें ज्यादातर युद्धग्रस्त और शरणार्थियों से प्रभावित देश हैं। इनमें अधिकतम अफ्रीकी और एशियाई देश हैं। ये हैं -अफगानिस्तान, पाकिस्तान,बांग्लादेश, बुरुंडी, बुर्किना फासो, कैमरून, कार, चाड, कोलम्बिया, कोट डी आइवर, डीआरसी, अल सल्वाडोर, इथियोपिया, ग्रीस, इराक, जॉर्डन, केन्या, लेबनान, लाइबेरिया, लीबिया, माली, म्यांमार, नाइजर, नाइजीरिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, थाईलैंड, युगांडा, वेनेजुएला और यमन।
इस रिपोर्ट की बड़ी बातें:
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