कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा 8 गुना बढ़ सकता है, यह दावा कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जितना कोरोना के बारे में सोचा जा रहा है यह उससे भी ज्यादा खतरनाक है। रिसर्च इटली में कोरोना से हुई मौत के आधार पर की गई है। शोध के मुताबिक, इटली में कुल संक्रमित लोगों में से 0.85 फीसदी की मौत हो सकती हैं, वहीं न्यूयॉर्क में यह आंकड़ा 0.5 फीसदी तक हो सकता है।
साल में कोरोना से होने वाली अधिकतम मौत का आंकड़ा बताया
अब तक फ्लू से मौत का खतरा 0.1 फीसदी और कोरोना के लिए 0.2 फीसदी तक बताया गया था लेकिन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मौत का आंकड़ा इससे 8 गुना ज्यादा है। शोधकर्ताओं का यह आंकड़ा सालभर में कोरोनावायरस से होने वाली अधिक मौत के लिए केल्कुलेट किया गया है।
65 साल से अधिक हैं तो मौत का खतरा दोगुना
रिसर्च के मुख्य शोधकर्ता डॉ उरोस सेलजक का कहना है कि जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है उनमें कोरोना से मौत का खतरा दो गुना है। शोधकर्ताओं का मुताबिक, मौत के आंकड़े बढ़ने की एक वजह, जांच का समान रूप से न होना भी है। इसलिए लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ने के साथ मौत की आशंका भी बढ़ती है।
अलग-अलग देशों ने बताई मृत्यु दर
मृत्यु दर | देश |
0.1% | युनाइटेड किंगडम |
0.19% | हेल्सिंकी, फिनलैंड |
0.37% | गैंगेल्ट, जर्मनी |
0.4% | स्टॉकहोल्म, स्वीडन |
0.57% | न्यूयॉर्क |
एंटीबॉडीज टेस्ट से सटीक आंकड़े बताए जा सकेंगे
शोधकर्ताओं के मुताबिक कई देशों में एंटीबॉडी टेस्ट की शुरुआत हो चुकी है। इसके आंकड़े सामने आने के बाद यह साफ हो सकेगा कि कितनों में कोरोना मिला, कितनों में वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी विकसित हुई और कितने ऐसे हैं जिनमें कोरोना के संक्रमण के बाद भी लक्षण नहीं दिखे। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एंटीबॉडी टेस्ट को यह कहते हुए अनुमति दी कि यह 95 फीसदी सटीक परिणाम बताता है। न्यूयॉर्क में 7500 लोगों पर हुए एंटीबॉडी टेस्ट में चौथाई लोग पहले ही कोरोना से संक्रमित थे।
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