Saturday, May 16, 2020

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को कोरोना के संक्रमण का अधिक खतरा, अगर दवाएं चल रही हैं उन्हें बंद न होने दें

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ऐसे लोग जोपहले से हृदय रोग, अस्थमा और डायबिटीज से जूझ रहे हैं उन्हें कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। आज वर्ल्ड हायपरटेंशन डे है। एक्सपर्ट का कहना है कि हायरपटेंशन यानी हाईब्लड प्रेशर के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि इसका सीधा सम्बंध हृदय से है।

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन और कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. बलबीर सिंहसे जानिए कोरोना और हायपरटेंशन का कनेक्शन व उससे जुड़े सवाल-जवाब....

#1) क्या हृदय की खराब स्थिति वाले मरीज ज्यादा जोखिम में हैं?
65 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें कॉरोनरी हार्ट डिजीज या हाइपरटेंशन है उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। ऐसे मरीज जिनके हृदय की स्थिति कमजोर है जैसे हार्ट फेलियर या एरिथमिया उनमें वायरल संक्रमण के लक्षण सामने आने की आशंका ज्यादा रहती है। दूसरे लोगों के मुकाबले ऐसे लोगों को संक्रमण होगा तो ज्यादा गंभीर भी होता है।

गले में खराश समेत हल्के वायरल बुखार के अलावा खांसी, दर्द और तकलीफ ही नहीं शरीर का तापमान बढ़ना और फिर सीने में संक्रमण और निमोनिया होने की आशंका भी ज्यादा है।जो लोग जोखिम में है इम्युनिटी कमजोरहै,ऐसे लोगों में हार्ट ट्रांसप्लांट के मरीज, हार्ट फेलियर और / या कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशी की बीमारी) के शिकार लोग शामिल हैं।

#2) क्या ऐसे लोगों को अपने सामान्य शेड्यूल के अनुसार अस्पताल जाना चाहिए?

नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने के संबंध में मरीजों को अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए मरीज को यह सलाह दी जा सकती है कि वे फोन पर कंसल्टेशन प्राप्त करें या वीडियो चैट के जरिए सलाह लें।

#3)वायरस संक्रमण हृदय को कैसे प्रभावित करता है?
वैसे तो वायरस से संक्रमित होने का आधार सांस, खांसी, छींक आदि के जरिए निकलने वाली बारीक बूंदेहैं औरहृदय के मरीजों में एक बार जब इनसे वायरस प्रवेश कर जाता है तो सीधे फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है।फिर एक इनफ्लेमेट्री रेस्पांस की शुरुआत होती है। इससे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर जोर पड़ता है। खून में ऑक्सीजन के लेवल और ब्लड प्रेशर में कमी आती है।

#4) कमजोर दिल वालेडॉक्टरकी मदद कब लें?

अगर आप या आपके किसी करीबी के हृदय की स्थिति कमजोर है खासकर व्यायाम के समय या आराम करते हुए भी सीने में दर्द बढ़ रहा है, सांस फूलती है, धड़कन तेज है, बेहोश हो गए थे तो मरीज चिकित्सक से संपर्क करें। वे स्थिति के आधार पर मरीज को अस्पताल में ट्रांसफर करने की सलाह देंगे।

#5) क्या इम्प्लांट उपकरण भी वायरस से संक्रमित होते हैं?
नहीं, पेस मेकर जैसे इंप्लांट किए हुए मेडिकल उपकरण पर वायरस का कोई प्रभाव नहीं होता है।

#6) हृदय रोगियों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • किसी भी बीमारी वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें और दूसरों से दो मीटर की दूरी बरतें।
  • साबुन और गुनगुने पानी से हाथ को कम से कम 20 सेकेंड तक अच्छी तरह धोएं।
  • साबुत अनाज के साथ संतुलित भोजन करें फल और सब्जियां भी खाएं। अतिरिक्त मीठा खाने से बचें।
  • चिन्ता के अहसास से बचने के लिए सांस लेने और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
  • अक्सर छुई जाने वाली सतहों जैसे दरवाजे के नॉब, हैंडल, स्टीयरिंग व्हील, लाइट के स्विच, आदि को डिसइंफेक्टेंट से साफ करें।
  • अगर आपको बुखार जैसे लक्षण (शरीर का तापमान 37.8° सेल्सियस या ज्यादा) खांसी या सीने में संक्रमण है तो आपको खुद को अलग रखना चाहिए।
  • हृदय के लिए अपनी नियमित दवाएं लेते रहें। अगर ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं तो उसे भी लेना न भूलें। हार्ट अटैक या स्ट्रोक रोकने के लिए यह सब जरूरी है।
  • कार्डियोवस्कुलर डिसीज के मरीजों को अपने डॉक्टर से संपर्क करके फ्लू का टीका लेना चाहिए ताकि बुखार को रोका जा सके। खासकर इसलिए भी कि इसे कोरोनावायरस का संक्रमण समझे जाने की आशंका है।


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Heart and high BP patients are at greater risk of corona infection, do not let them stop if medicines are on


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