देश में इस हफ्ते 'R' वैल्यू यानी संक्रमण की दर घटकर 1.22 हो गई है। पिछले दो हफ्तों से यह 1.29 पर थी। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस के शोधकर्ता सीतम्भरा सिन्हा के मुताबिक, उम्मीद है 30 मई तक देश में सक्रिय मामलों का आंकड़ा एक लाख तक पहुंच सकता है। गुरुवार यानी 21 मई तक देश में कोरोना के 63,624 सक्रिय मामले थे। अब तक संक्रमण के 1,12,359 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 45,300 रिकवर हो चुके हैं और 3,435 मौत हुई हैं।
समझें 'R' और 'R0' के बीच का अंतर
'R' संक्रमण की दर को मापने का पैरामीटर है। यह समय के मुताबिक बदलता रहता है। जैसे वर्तमान में संक्रमण की दर 1.29 घटकर 1.22 हो गई, यानी आर वैल्यू घटी है। 'R' वैल्यू सीधेतौर पर यह बताती है कि एक इंसान से कितने और लोग संक्रमित होंगे। वहीं, R0 का कैल्कुलेशन महामारी की शुरुआत से होता है जब माना जाता है कि कितने लोगों में बीमार होने की आशंका है।
उदाहरण से समझें 'R' वैल्यू का फंडा
दुनियाभर में 'R' वैल्यू को कम करने की कोशिश की जा रही है। इसे ऐसे समझें। अगर 'R' 1.5 तो इसका मतलब है कि 100 लोग 150 लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। संक्रमण इस दर से फैल रहा है। संक्रमण फैलने के बाद इनकी संख्या 225 हो जाएगी। कुछ समय बाद ये 338 हो जाएंगे। संक्रमण के तीन राउंड पूरे होने पर आंकड़ा 438 तक पहुंच सकता है।
'R' वैल्यू घटने के मायने
अगर इसकी वैल्यू घट रही है तो यह इशारा है कि लॉकडाउन का असर सकारात्मक हुआ है। घटता आंकड़ा बताता है कि लोगों ने वायरस से खुद को बचाया है। कुछ में इसकी वजह इम्युनिटी हो सकती है तो कुछ में सोशल डिस्टेंसिंग। वहीं कुछ में खुद को क्वारेंटाइन करना भी हो सकता है।
दूसरे देशों से हालात बेहतर
शोधकर्ता सीतम्भरा सिन्हा के मुताबिक, भारत में कोविड-19 की R0 वैल्यू 1.83 तक जा सकती है। यह संख्या उन देशों से काफी कम है जहां महामारी ने तबाही मचाई है।
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