Thursday, October 8, 2020

कोरोनाकाल में घर में 10 मिनट में करें ब्लड प्रेशर, हार्ट, आयरन और ब्रेस्ट कैंसर की जांच; ये बड़ी बीमारियों का संकेत देते हैं; एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें जांच

शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव बड़ी बीमारी का संकेत देते हैं। 35 साल की उम्र के बाद एक्सपर्ट कुछ जांचें करवाने की सलाह देते हैं। कोरोनाकाल में अगर घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो 5 से 10 मिनट का समय निकालकर कुछ जांचें घर पर भी की जा सकती हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल बता रहे हैं, घर पर कौन की जांच आसानी से की जा सकती है-

दिल का स्वास्थ्य जानने के लिए कलाई का इस्तेमाल करें
एक हाथ की कलाई की नसों को दूसरे हाथ की तर्जनी और बीच की उंगली से हल्के से दबाएं। इस दौरान पकडे जाने वाले हाथ की हथेली ऊपर की ओर होनी चाहिए। कलाई की नस दबाने पर धड़कनों को आसानी से गिन सकते हैं। अब अपने दिल की धड़कनों को पूरे एक मिनट तक गिनें।

हृदय की आदर्श गति 72 धड़कन प्रति मिनट है, लेकिन सामान्यतः दिल एक मिनट में 60-100 बार धड़कता है। यदि आपकी गिनती इससे ज्यादा या कम है तो सतर्क होने की जरूरत है। 30 की उम्र के बाद ये जांच महीने में एक बार जरूर करें।

  • असंतुलन में क्या करें : आमतौर पर शारीरिक गतिविधि में कमी, तनाव, कुछ ख़ास दवाइयां लेने, कैफीन के अधिक सेवन आदि के कारण हृदय की गति असंतुलित हो सकती है। धड़कनों को सामान्य रखने के लिए रोजाना व्यायाम और सैर करें। आप शारीरिक रूप से सक्रिय होंगे, तो धड़कनें भी संतुलित रहेंगी। व्यायाम चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।

शरीर पर तिल या मस्सा बदलना कैंसर का इशारा

तिल का मस्से के आकार का बदलना कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। इसकी पहचान के लिए तिल और मस्सों के आकार और रंग पर ध्यान दें। यदि कोई बदलाव नजर आते हैं या नए मस्से दिखते हैं, तो सतर्क हो जाएं। यह जांच 25 की उम्र में शुरू कर देनी चाहिए।

  • ऐसे में क्या करें : ज्यादा धूप में न रहें, अल्ट्रावायलेट किरणों से दूरी बनाएं। पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। पोषक आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें। इसके साथ ही डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।

ऐसे करें ब्लड प्रेशर की जांच
इसके लिए ऑटोमेटिक मॉनिटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका डिसप्ले आसानी से पढ़ा जा सकता है और यह पिछली जांच के परिणाम भी स्टोर करता है। इस मॉनिटर में हाइपरटेंशन इंडिकेटर भी होता है जो उच्च रक्तचाप की चेतावनी देता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह जांच 28 की उम्र से शुरू कर देनी चाहिए। जांच कितनी बार करनी है, इसके लिए चिकित्सक से सलाह लें।

सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर तनाव, ठंडे तापमान, सीढ़ियां चढ़ने, दौड़ने, व्यायाम करने आदि के कारण बढ़ जाता है, इसलिए मापने से पहले कम से कम पांच मिनट के लिए आराम करें। किसी भी अनियमितता को देखकर घबराएं नहीं, डॉक्टर से बात करें। ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। यदि कोई उतार-चढ़ाव आया हो तो डॉक्टर से सलाह लें। हफ्ते में एक-दो बार इसकी जांच करते रहना चाहिए।

  • ऐसे कंट्रोल करें बीपी: रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस निचोड़कर पिएं। रोजाना थोड़ा व्यायाम करने से जल्दी और प्रभावी परिणाम मिलेंगे। इसके अलावा दालचीनी पाउडर को खाने में शामिल करें।

आयरन की कमी को इन लक्षणों से समझें
आयरन की कमी हो, तो आपका शरीर ख़ुद बता देता है। यदि हथेलियों में खिंचाव महसूस हो रहा है, अत्यधिक थकान, दिल की घबराहट, सांसों में तकलीफ है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है। महिलाओं में आयरन की कमी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन ख़ासतौर पर 20-25 की उम्र के बाद ये आसानी से समझ आने लगती है।

  • कैसे पूरी करें कमी : मूंगफली, काजू, कद्दू के बीज, अखरोट, बादाम, अलसी के बीज, किशमिश, तरबूज, अनार, ब्रॉकली, पालक, छिलके सहित आल, नींबू आदि का सेवन करने से आयरन की कमी दर होगी। इसके अलावा चिकित्सक की सलाह पर आयरन सप्लिमेंट्स का सेवन किया जा सकता है।

बढ़ती हुई चर्बी जानने के लिए इंच टेप का इस्तेमाल करें
हर तीन-चार महीने में एक बार इंच टेप से पेट और निचले हिस्से को नापें। इसका चार्ट बनाकर रखें। एक नजर अपने शरीर पर डालकर देखें कि कहीं उसकी बनावट में फ़र्क तो नहीं आ रहा। अगर रोजाना पहने जाने वाले कपड़े अचानक से कस जाएं, तो इस बदलाव को हल्के में न लें। वहीं, शरीर की बनावट में अंतर नजर आए, तो भी इसे नजरअंदाज न करें। यह जांच 28-30 की उम्र से शुरू कर देनी चाहिए।

  • ऐसे में क्या करें : अगर व्यायाम करने के बावजद चर्बी कम नहीं हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए स्तनों की जांच करें
यह जांच मासिक धर्म के तीन से पांच दिन बाद करें। इसके लिए उसे चारों तरफ़ छूकर देखें कि किसी तरह की गांठ, दर्द या आकार में अंतर तो नहीं आ रहा है। इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं और स्तनों में आए बदलाव को महसूस करें। ये जांच महीने में एक बार कर सकती हैं।

यदि बदलाव या सूजन महसूस होती है, तो सतर्क हो जाइए। इसमें लापरवाही भविष्य में बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है। स्तन कैंसर या स्तन से संबंधित अन्य समस्याएं 16 से लेकर किसी भी उम्र में दिख सकती हैं, इसलिए 15-16 की उम्र से स्तनों की जांच शुरू कर दें।

  • ऐसे में क्या करें : हल्का-फुल्का दर्द या बदलाव महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी तरह की लापरवाही या देर मुश्किल में डाल सकती है।


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