कोरोना संक्रमण के इस दौर में हाथों की सफाई किसी इलाज से कम नहीं है। अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन कंट्रोल की स्टडी के अनुसार घर पर रहने पर भी अक्सर हाथ धोते रहने से परिवार में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।
रिसर्च के के मुताबिक, दरवाजों के हैंडल, बाथरूम के नल और फ्लश का हैंडल घरों में संक्रमण फैलने के मुख्य स्रोत हैं। ऐसे में इनकी सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन्हें छूने के बाद हाथ जरूर धोएं। एक रिसर्च के मुताबिक, विभिन्न प्रकार के संक्रमण केवल और केवल हाथ से फैलते हैं।
ग्लोबल हैंडवॉशिंग ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि हाथ के 15 सेमी हिस्से में लगभग 1500 बैक्टीरिया होते हैं। यदि नियमित रूप से और सही तरीके से लोग हाथों को धोएं तो हर साल लगभग 10 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है।
बैक्टीरिया हैंड सैनेटाइजर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रहे हैं
जनरल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में वर्ष 2018 में प्रकाशित एक शोध में शोधकर्ताओं ने मेलबोर्न स्थित 2 अस्पतालों के 139 बैक्टीरियल सैंपल का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि बैक्टीरिया ने एल्कोहल के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा कर ली है। एल्कोहलयुक्त हैंड रब अथवा सैनेटाइजर के उपयोग के बावजूद वे जीवित रह रहे हैं। हालांकि शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि ये अस्पतालों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया पर लागू है अन्य बैक्टीरिया के लिए स्टडी की आवश्यकता है।
डॉक्टर्स का मानना है कि हाथों को अच्छी तरह साफ करने के लिए साबुन और पानी बेहतर विकल्प है। कीटाणु आंख, नाक और मुंह के द्वारा पहुंचते हैं। बिना धुले हाथों से रोग पैदा करने वाले कीटाणु भोजन और पेय पदार्थों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
2023 तक 12867 करोड़ रु. का होगा हैंड सैनेटाइजर बाजार
एलाइड मार्केट की रिसर्च के मुताबिक, 2016 तक हैंड सैनेटाइजर का ग्लोबल मार्केट 6,736 करोड़ रुपए का था, जिसके 2023 तक 12867 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। 2016 तक नॉर्थ अमेरिका की इस बाजार में लगभग 35 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
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