असम के एक कलाकार ने 30 हजार एक्सपायर्ड दवाओं और सीरिंज की मदद से मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार की है। असम में धुबरी के कलाकार संजीब बसक को यह प्रतिमा तैयार करने में दो माह का वक्त लगा है। उन्होंने इसे मेडिकल वेस्ट से तैयार किया है। संजीब इससे पहले माचिस की तीलियों और तारों का प्रयोग करके भी मां की प्रतिमा तैयार कर चुके हैं।
लॉकडाउन में मेडिकल स्टोर्स एक्सपायर दवाएं फेंक रहे थे तभी आया आइडिया
संजीब डिजास्टर मैंनेजमेंट के साथ मिलकर काम करते हैं। वह कहते हैं, मैंने देखा कि मेडिकल स्टोर एक्सपायर हो चुकीं दवाओं को फेंक रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि लॉकडाउन के दौरान कम्पनियां को वापसी के लिए ये दवाएं नहीं पहुंचा पा रहे थे। तभी मैंने तय किया कि इन दवाओं और सीरिंज की मदद से मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार करूंगा।
2019 में असम बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था नाम
संजीब कहते हैं, ये मेडिकल वेस्ट कैसे कम किया जाए इसको लेकर मैंने डिजास्टर मैनेजमेंट से बात की। तभी तय किया कि इससे प्रतिमा तैयार की जा सकती है। संजीब ने बिजली के तारों से भी मां दुर्गा की 166 किलो की प्रतिमा तैयार की थी। इसके लिए इनका नाम 2019 में असम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं संजीब
37 साल के संजीब आर्ट्स से ग्रेजुएट हैं लेकिन प्रोफेशनल कलाकार नहीं थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रतिमा तैयार करने की कोशिश की और यह उनकी हॉबी बन गई। अब जब भी उन्हें समय मिलता है तो वो इसे तैयार करते हैं। पिछले 8 सालों में संजीब को मां दुर्गा की अलग तरह तरह की प्रतिमा बनाने के लिए कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा को डॉक्टर और महिषासुर को कोरोना की तरह दिखाया
कोरोनाकाल में पश्चिम बंगाल के एक पूजा पंडाल में मां दुर्गा को डॉक्टर के वेष में दिखाया गया है और वह कोरोनावायरस रूपी महिषासुर का वध करती दिख रही हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इस मूर्ति में मां दुर्गा की हाथों में त्रिशूल के रूप में एक इंजेक्शन है जिससे वह कोरोनासुर का वध कर रही हैं। गुलाबी साड़ी पहने देवी दुर्गा ने डॉक्टरों का सफेद एप्रन भी पहन रखा है। उनके गले में डॉक्टरों का स्टेथोस्कोप लटका है।
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