Saturday, October 24, 2020

वैज्ञानिकों ने इंसान में नया अंग खोजा, कहा; नाक के पिछले हिस्से में मिला यह अंग कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है

वैज्ञानिकों ने इंसान में एक नया अंग खोजा है। यह नाक के पिछले हिस्से में मिला है। इसे ट्यूबेरियल सेलाइवरी ग्लैंड का नाम दिया है। इसकी खोज नीदरलैंड्स के कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की है। इनका कहना है, यह नया अंग तब सामने आया जब वे प्रोस्टेट कैंसर पर रिसर्च कर रहे थे। वैज्ञानिकों का दावा है, इस अंग से कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है।

क्या काम करता है पूरी तरह स्पष्ट नहीं
रेडियोथैरेपी एंड ऑन्कोलॉजी जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, ट्यूबेरियल सेलाइवरी ग्लैंड की लम्बाई 1.5 इंच है। वैज्ञानिकों का कहना है, यह अंग क्या काम करता है, साफतौर पर नहीं बताया जा सकता लेकिन हो सकता है इसका काम नाक और मुंह के पीछे यानी गले के ऊपरी हिस्से को ल्युब्रिकेट करना हो।

अब 4 हो गईं सेलाइवरी ग्लैंड की संख्या
वैज्ञानिकों के मुताबिक, करीब 100 मरीजों पर हुई स्टडी में यह ग्लैंड पाई गई है। अभी तक माना जाता था कि नाक के पिछले हिस्से में कुछ नहीं होता है। सिर्फ जीभ और जबड़े नीचे और पीछे 1-1 सेलावरी ग्लैंड पाई जाती थी। लेकिन अब एक नई ग्लैंड मिली है। इनकी संख्या 4 हो गई है।

ऐसे हुई खोज
रिसर्च कहती है, यह ग्लैंड तब खोजी गई जब प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं पर PSMA PET-CT तकनीक से स्टडी कर रहे थे। इसमें सीटी स्कैन और पैट स्कैन का प्रयोग किया जाता है। यह दोनों एक तरह की जांच हैं। ये जांचें सेलाइवरी ग्लैंड को ढूंढने में भी मदद करती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज में रेडियोएक्टिव ट्रेसर इंजेक्ट किया जाता है जो कैंसर सेल से जुड़ जाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है, कैंसर का इलाज करते समय सिर और गले की रेडियोथैरेपी करते हैं तो यह ध्यान रखा जाता है कि सेलाइवरी ग्लैंड को नुकसान न पहुंचे। वरना मरीज को खाने, बोलने या निगलने में दिक्कत हो सकती है।नई खोज के बाद रेडियोथैरेपी करते समय इस नए अंग को बचाने की कोशिश की जाएगी ताकि कैंसर के इलाज में होने वाले साइडइफेक्ट को घटाया जा सके।

क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर
यह प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं में बनने वाला कैंसर है। प्रोस्टेट ग्रंथि को पौरूष ग्रंथि भी कहते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि का काम एक गाढ़े पदार्थ को रिलीज करना है। यह वीर्य को तरल बनाता है और शुक्राणु की कोशिकाओं को पोषण देता है। प्रोस्टेट कैंसर धीमी गति से बढ़ता है। ज्यादातर रोगियों में इसके लक्षण नहीं दिखते। जब यह एडवांस स्टेज में पहुंचता है तो लक्षण दिखना शुरू होते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के सर्वाधिक मामले दिल्ली, कोलकाता, पुणे, तिरूवनंतपुरम, बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों में देखे गए हैं।



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New Organ Found In Human Throat; Updates From Researchers At Netherlands Cancer Institute


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