बाजार में मौजूद कोरोनावायरस की दवा कितनी सही है, सांस लेने में दिक्कत होने पर मास्क लगाएं या नहीं और एसी से कोरोना के संक्रमण का खतरा कितना है...ऐसे कई सवालों का जवाब आरएमएल अस्पताल,नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. एके वार्ष्णेय ने आकाशवाणी को दिए। जानिए कोरोना से जुड़े सवाल और एक्सपर्ट के जवाब...
#1) कोरोनावायरस की बाजार में कई दवाएं आ गई हैं, ये कितनी कारगर हैं?
इस वक्त एलोपैथी और आयुर्वेद में कई दवाएं बनाई जा रही हैं लेकिन अभी कोरोना की कोई दवा नहीं आई है जो वायरस को मार सके। जो दवाइयां आ रही हैं वो कितनी कामयाब होंगी अभी इसका पता नहीं चल पायाहै। जहां तक आयुर्वेदिक दवाइयों का सवाल है, तो वो केवल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए होती हैं। वायरस नष्ट करने में कितनी कायमयाब होती है, इसके कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं।
#2) जिन्हें सांस लेने में परेशानी है वो मास्क का प्रयोग कैसे करें?
जिन्हें सांस की बीमारी या अस्थमा है, उन्हें कभी भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है इसलिए वे नियमिततौर पर दवा लें। दूसरों से दूर रहें और बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। सांस से जुड़ी बीमारियों की प्रिवेंटिव और रेपिड मेडिसिन होती हैं, उसे अपने साथ रखें। अगर मास्क लगाने में मुश्किल होती है तो घर में या ऑफिस में 5-6 फिट की दूरी बनाकर रखें।
#3) क्या AC में कोरोना के संक्रमण का खतरा होता है?
अगर कोई घर में है, विंडो एसी लगा है और परिवार के लोग हैं तो वायरस का कोई खतरा तब तक नहीं है जब तक फैमिली मेम्बर संक्रमित नहीं है। वहीं, आफिस या बड़ी जगह पर सेंट्रल ऐसी होता है। अगर वहां कोई संक्रमित है तो छींक या खांसी से निकलने वाला वायरस पूरी ऑफिस में घूमता रहता है, इसलिए वहां संक्रमित होने का खतरा है।
#4) बारिश में मौसम में कोरोनावायरस से बचाव कैसे करें?
बारिश में भीगते हैं तो मास्क भी भीगेगा, इस दौरान खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बारिश में बाहर आते-जाते समय थोड़ा सावधानी बरतें। भीगने से बचें और अपने साथ एक-दो मास्क लेकर निकलें। इसके साथ ही बारिश में कई अन्य बीमारियां भी होती हैं। उनसे बचने के लिए इम्युनिटी को बढ़ाने की कोशिश करें ताकि मौसमी बीमारियां से बचा जा सके। खासतौर पर बुजुर्ग और बच्चे भीगने से बचें।
#5) रैपिड एंटीजन टेस्ट कैसे होता है?
आरटी-पीसीआर टेस्ट को सबसे बेहतर माना जाता है। इसमें नाक या गले से सैम्पल (स्वाब) लिया जाता है। इस जांच से 99 से 100 फीसदी तक रिपोर्ट सही आती है। यह लैब में होता है इसलिए समय लगता है। वहीं, एंटीजन टेस्ट एक किट के जरिए होता है। इसमें भी नाक से स्वाब लेते हैं, जिसमें एंटीबॉडी होते हैं। अगर किट में रिएक्शन हो जाता है तो पता चल जाता है कि इंसान संक्रमित है। अगर जांच निगेटिव आती है तो उसे एकदम सही परिणाम नहीं मान सकते।
#6) कोरोना पॉजिटिव इंसान के पास बैठे हैं तो कितने घंटे में संक्रमित हो सकते हैं?
अगर आप कोरोना पॉजिटिव मरीज के पास बैठे हैं और आप दोनों लोगों ने मास्क नहीं लगाया है तो संक्रमित हो सकते हैं। वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड 2 से 14 दिन का होता है, इसलिए लक्षण दिखने में इतना समय लगता है। ऐसे में जरूरी है मास्क को लगाना। घर से निकले तों नाक और मुंह अच्छी तरह ढके हुए होने चाहिए। कई बार लोग जान-पहचान के इंसान से मिलते ही मास्क नीचे कर लेते हैं, ऐसा मत करें, क्योंकि आपको पता नहीं कि सामने वाला इंसान संक्रमित है या नहीं।
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