Thursday, June 25, 2020

महीनों बाद जब गले लगे तो बीच में प्लास्टिक में लिपटी बंदिशों की दीवार थी, आंसू तो छलके लेकिन पोंछ न सके

लॉकडाउन हटने के बाद कई इमोशनल कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं, और उनमें समाई हैंअपनों से महीनों के बाददोबारामुलाकात की कहानियां। लेकिन, अब माहौल और मिजाजबदला हुआ हैक्योंकि बीच में है मास्क और प्लास्टिक की दीवार।

भावुक कर देने वाली इन तस्वीरों में गले लगने वालीजो मुलाकातें बयां होती हैं, उन्हेंदेखकर मन तड़प उठता है।एक-दूसरे को इतने दिनों बाददेखकर छलकेप्यार के आंसुओं कोपोंछना अब एकडर बन गया है।

येहालात कब तक बने रहेंगे, कहा नहीं जा सकताक्योंकि महामारी अपने उफान पर है। हालांकि, दुनिया के महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क लगाकर सुरक्षित ढंग सेगले मिलना, सीधेहाथ मिलाने से ज्यादा सुरक्षितहै क्योंकि इसमेंसंक्रमण फैलनेका खतरा कम है।

तस्वीरों में देखिए अपनों से मुलाकात की इमोशनल कर देने वाली 5 कहानियां -

59 बरस में एक दिन ऐसा भी आया: लॉकडाउन के कारण 81 साल की अगस्टीना अपने पति पेस्कुअल पेरेज (84) से 102 दिनों से अलग थीं।दोनों स्पेन के बार्सिलोना मेंरहते हैं। पति एक नर्सिंग होम के हेल्थ वर्कर हैं। करीब तीन माह बाद नर्सिंग होम ने कर्मचारियों को अपने परिजनों से मिलने का मौका दिया। पेस्कुअल अपनेपरिजनों से मिलने वाले पहले शख्स थे। 22 जून को उनकी पत्नी अगस्टीना मिलने पहुंची। दोनों के बीच प्लास्टिक की दीवार थी। मास्क लगाए एक दूसरे को किस करने के साथ दोनों बड़े ही इमोशनल तरीके से मिले। ये लम्हा यादगार भी बना क्योंकि दोनों पिछले 59 साल में कभी एक-दूसरे से अलग नहीं रहे थे।

बीते दिनों बार्सिलोना का पुइग-आई फाबरा हॉस्पिटल एक यादगार और इमोशनल तस्वीर का गवाह बना। लॉकडाउन के बादजब 61 साल की डोलोरेज अपने लाचार पिता जोज लोजानो (87) से 4महीने में पहली बार मिलीं तो घुटनों पर बैठकर उन्हें देर तक प्लास्टिक के पर्दे के पीछे से निहारती रही। मास्क लगाए और हाथों में पीपीई पहनें जोज व्हीलचेयर पर अपनी बेटी से मिलने पहुंचे थे। इतने लम्बे समय के बाद दोनों मिले तो दानों की आंखों में आंसू थे, और दोनों बस एक-दूसरे को दिलासा देते रहे।
स्पेन में ज्यादातर नर्सिंग होम में ऐसे ही हालात हैं क्योंकि कोरोना के मामले बढ़ने के बाद हेल्थ वर्करों में भी संक्रमण के मामले बढ़े क्योंकि वे लम्बे समयसे नर्सिंग होम में ही रह रहे हैं। संक्रमण के मामले घटने के बाद अब परिजन उनसे मिलने आ रहे हैं लेकिन एक-दूसरे को छू नहीं सकते। तस्वीर में प्लास्टिक में लिपटे हाथों से पिता ने अपनी बेटी के हाथों को थामा और कहा कि, चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। ये वक्त भी गुजर जाएगा।
यह नजारा इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स एयरपोर्ट का है, जहां तीन महीने के लॉकडाउन के बाद पहली बार कोई यात्री दिखा। तस्वीर में शेनॉन और उनकी मां कैरोलिनदिखाई दे रही हैं। शेनॉन मार्च में स्पेन गई थीं। महामारी के बीच अपने अंकल की देखभाल के लिए दो हफ्तों की ट्रिप प्लान की थी लेकिन कोरोना के मामले बढ़नेपर वह लौट न सकीं। तीन महीने बाद जब वह लौटीं तो मां से मिलने के बाद कई मिनट तक रोती रहीं। मास्क पहने हुए शेनॉन कहती हैं कि मैं इतना इमोशनल हो गई कि बस मैं रोते रहना चाहती थी।
तस्वीर में दिख रही 4 साल की मिला स्नेडन कैंसर (ल्यूकीमिया) से जूझ रही हैं। लॉकडाउन के कारण वह पिछले दो महीनों से अपने पिता से दूर थी। इस दौरान मिलने की अनुमति नहीं थी क्योंकि मिला की कीमोथैरेपी चल रही थी और इम्युनिटी कम होने के कारण संक्रमण का खतरा था। हाल ही में जब वह अपने पिता से मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मिला लगातार बोले जा रही थी और बाकी सब खामोश थे, शब्दों से उसकी पिता से मिलने की बेसब्री जाहिर हो रही थी।
लॉकडाउन के दौरान दोनों की मुलाकात के बीच थी एक शीशे की खिड़की। मिला अपने पिता स्कॉट को शीशे की खिड़की से देखती थीं और फोन के जरिए बात करती थी। पिता स्कॉट के लिए यह सबसे कठिन समय था क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उनकी मां की कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई और बेटी कैंसर से जूझ रही थी। स्कॉट अपने इमोशन का काबू करके बेटी से मिलने पहुंचते थे।
ब्रिटेन के एंटनी कॉविन ने अपनी दादी से मिलने के लिए घर के बाहर प्लास्टिक कर्टन का फ्रेम तैयार किया है। इसमें प्लास्टिक के हाथ लगाए ताकि जब दादी मां से मुलाकात हो तो उन्हें गले लगाया जा सके। एंटनी ने प्लास्टिक के इन पर्दों को नाम दिया 'कडल कर्टेन'। एंटनी चाहते थे कि जब वह दादी से मिलें तो उन्हें संक्रमण का खतरा न हो, इसलिए उन्होंने इसे तैयार किया। मुलाकात के दौरान दोनों काफी इमोशनल हुए और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

ट्विटर पर वायरल हुआइनका वीडियो-



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Emotional stories behind the masks in spain, america and europe


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