Monday, June 8, 2020

तेज सिरदर्द के कारण सुबह नींद खुले तो अलर्ट होने की जरूरत, यह ट्यूमर का लक्षण हो सकता है

आज वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे है। ब्रेन ट्यूमर से जुड़ी ऐसी कई बातें जिसे लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति रहती है। जैसे हर ब्रेन ट्यूमर कैंसरस होता है, मैं मोबाइल फोन सिर के पास रखकर सोता हैं क्या मुझे ब्रेन ट्यूमर या कैंसर हो सकता है, युवाओं को ब्रेन कैंसर नहीं होता। इस मौके पर डॉ. मनीश वैश्य असोसिएट डायरेक्टर, न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल दिल्ली से जानते हैं ऐसे ही कुछ भ्रम और उसकी हकीकत के बारे में...

#1) भ्रम: सिरदर्द होना ही ट्यूमर का लक्षण नहीं है।
सच:
सिरदर्द होना आम बात है लेकिन जब ये लगातार हो और सुबह की नींद भी तेज सिरदर्द के कारण खुले तो अलर्ट होने की जरूरत है। ऐसा होने पर न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह लेना बेहद जरूरी है ताकि इसे बढ़ने से रोका जा सके।

#2) भ्रम : सभी ब्रेन ट्यूमर के रोगियों में एक जैसे ही लक्षण दिखते हैं।
सच :
सभी मामलों में ऐसा संभव नहीं है। ट्यूमर की स्टेज के आधार पर लक्षण बदल भी सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण नर्वस सिस्टम की कार्यशैली कितनी प्रभावित होगी यह इसपर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से विकसित हो रहा है और किस स्थान पर स्थित है। ब्रेन ट्यूमर उसके आकार और स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

#3)भ्रम: मैं युवा हूं मुझे ब्रेन ट्यूमर नहीं हो सकता।
सच: ब्रेन ट्यूमर हो सकता है या नहीं, इसमें उम्र का कोई रोल नहीं होता। नवजात और युवाओं दोनों में ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे गए हैं। हालांकि दोनों में ट्यूमर के अलग-अलग प्रकार देखे गए हैं। युवाओं को इसके रिस्क फैक्टर्स से बचना चाहिए। खासकर फोन का इस्तेमाल लिमिटेड करें ताकि रेडियोफ्रिक्वेंसी से बचा जा सके।

#4)भ्रम : मैं मोबाइल फोन सिर के पास रखकर सोता हैं क्या मुझे ब्रेन ट्यूमर या कैंसर हो सकता है?
सच : सेलफोन से निकलने वाली रेडियोफ्रिक्वेंसी एनर्जी के कारण ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक नियमित रूप से सेलफोन का इस्तेमाल ब्रेन ट्यूमर का एक रिस्क फैक्टर है, तो कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला कि रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी के एक्सपोज़र और ब्रेन ट्यूमर में कोई संबंध नहीं है। लेकिन अधिकतर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन बच्चों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ाते हैं।

#5)भ्रम: क्या हर ट्यूमर कैंसरस होता है?
सच: नहीं, हर ट्यूमर कैंसरस नहीं होता है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं- कैंसर रहित और कैंसर युक्त। कैंसरयुक्त ट्यूमर को भी उसके विकसित होने के तरीके के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है। जो ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में विकसित होते हैं उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और जो शरीर के दूसरे भाग से मस्तिष्क में फैल जाते हैं उन्हें सेकंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण नर्वस सिस्टम की कार्यशैली कितनी प्रभावित होगी यह इसपर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से विकसित हो रहा है और किस स्थान पर स्थित है।



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World Brain Tumour Day 2020 if you wake with headche its a symptom of brain tumour be alert


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