Thursday, June 25, 2020

पतंजलि की कोरोनिल को सरकार से हरी झंडी नहीं मिली, आयुष मंत्रालय के पत्र को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है

क्या वायरल: एक पत्र वायरल हो रहा है। जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि पतंजलि की कोरोनिल दवाको आयुष मंत्रालय की अनुमति मिल गई है।

  • दरअसल 23 जून कोपतंजलि की तरफ से ये दावा किया गया कि उसके द्वारा बनाई गई दवा (कोरोनिल) कोविड-19 का इलाज करने में कारगर है। आयुष मंत्रालय ने इस विज्ञापन पर आपत्ति जताते हुए प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही यह भी कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जो कि दी जानी चाहिए थी। अब ये दावा हो रहा है कि आयुष मंत्रालय ने अनुमति दे दी है।

दावे से जुड़े कुछ ट्वीट

https://twitter.com/GourangBanna/status/1275791362307223554

https://twitter.com/ShankiGoutam3/status/1275781737776394241

https://twitter.com/shete_jitendra/status/1275769077164675075

आयुष विभाग का यह पत्र वायरल हो रहा है

फैक्ट चेक पड़ताल

  • पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने भी वही पत्र फेसबुक पर पोस्ट किया है जिसे लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इसी पत्र को आयुष मंत्रालय का अप्रूवल बताया जा रहा है। सबसे पहले हमने पत्र को पढ़ा।
  • इस पत्र का सार है :23 जून को मंत्रालय द्वारा पतंजली को लिखे गए पत्र का जवाब पतंजलि ने दे दिया है।इस जवाब में क्लिनिकल ट्रायल, ट्रायल साइट की जानकारी, स्टडी प्रोटोकॉल और सैम्पल्स से जुड़ा डेटा शामिल है। अब मंत्रालय के पास डेटा को अप्रूव करने के लिए सत्यापित शोध दस्तावेज हैं।
  • यानी मंत्रालय की तरफ से ये पुष्टि की गई है कि पतंजलि आयुर्वेद नेक्लिनिकल ट्रायल से जुड़े दस्तावेज जमा कर दिए हैं। अब आयुष मंत्रालय इनकी जांच करेगा।
  • सवाल ये है कि जब मंत्रालय ने अनुमति देने जैसा कुछ कहा ही नहीं, तो ये अफवाह कैसे फैली? दरअसल, आचार्य बालकृष्ण ने फेसबुक पर ये पत्र पोस्ट करके लिखा था: आयुष के विवाद की पूर्णाहुति।
  • आचार्य बालकृष्ण की पोस्ट का गलत अर्थ निकालकर लोगों ने यह खबर फैलाना शुरू कर दी कि कोरोनिल दवा को आयुष मंत्रालय ने अनुमति दे दी है।
  • अब बात उन क्लीनिकल ट्रायल्स की। जिनके आधार पर दावा किया जा रहा है कि कोरोनिल दवा कोविड-19 का इलाज करने में कारगर है।उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस ऑफिसर ने ANI से हुई बातचीत में कहा है कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर, कफ और फीवर की दवा बनाने का ही लाइसेंस जारी किया गया था। लाइसेंस ऑफिसर ने स्पष्ट कहा कि - अनुमति लेते समय पतंजलि ने कोरोना वायरस का जिक्र ही नहीं किया।
  • कोरोनिल को कोविड-19 की कारगर दवा बताने पर आयुष मंत्रालय ने आपत्ति की थी। इस संबंध मेंपीआईबी ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की थी।

निष्कर्ष : पतंजलि ने कोरोनिल पर किए क्लीनिकल ट्रायल की जानकारी आयुष मंत्रालय को सौंप दी है, ये बात सच है। लेकिन, आयुष मंत्रालय की तरफ से अब तक कोरोनिक को कोविड-19 के इलाज के लिए कारगर घोषित नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे फर्जी हैं।



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Patanjali's coronil has not received government approval


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