कोरोनावायरस की दूसरी लहर को रोकना चाहते हैं तो मास्क पहनना मत छोड़िए। यह सलाह ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लोगों को दी है। ब्रिटिश शोधकर्ताओं की रिसर्च के मुताबिक, मास्क का इस्तेमाल और लॉकडाउन की मदद से कोरोना महामारी के दूसरे दौर को रोका जा सकता है। संक्रमण से बचने में घर के बने मास्क भी बेहतर हैं।
दुनियाभर के लोगों को मास्क लगाने की जरूरत
जर्नल प्रोसिडिंग ऑफ रॉयल सोसायटी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, लॉकडाउन अकेले कोरोनावायरस को नहीं रोक सकता। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रिचर्डस्टटफॉर्म का कहना है कि वर्तमान में जो स्थिति में उसमें दुनियाभर के लोगों को मास्क अनिवार्य तौर पर लगाने की जरूरत है।
शोधकर्ता रिसर्च का कहना है कि फेस मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन में कुछ पाबंदियां रहें तो इस महामारी का सामना करना आसान हो जाएगा। ऐसा करने पर वैक्सीन तैयार होने से पहले अर्थव्यवस्था भी सुधारी जा सकती है।
'R' वैल्यू को घटाकर 1.0 से नीचे ले जाने की जरूरत
शोधकर्ताओं के मुताबिक, 'R' वैल्यू को घटाकर 1.0 से नीचे ले जाने की जरूरत है। R' संक्रमण की दर को मापने का पैरामीटर है। यह समय के मुताबिक बदलता रहता है। जैसे वर्तमान में संक्रमण की दर 1.29 घटकर 1.22 हो गई, यानी आर वैल्यू घटी है। 'R' वैल्यू सीधे तौर पर यह बताती है कि एक इंसान से कितने और लोग संक्रमित होंगे।
वैक्सीन बनने में भी 18 महीने का समय लगेगा
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भीड़ में जितने ज्यादा लोग मास्क पहनेंगे उतना ही संक्रमण को रोका जा सकेगा। वैक्सीन बनने में कम से कम 18 महीने लगने की बात कही जा रही है, कम से कम तब तक मास्क लगाना जरूरी है। यही बचाव कर सकता है और संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने में मदद करेगा।
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