बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार दोपहर बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। हालांकि अभी तक उनके उठाएं इस कदम के पीछे की वजह पता नहीं चल सकी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सुशांत बीते कई दिनों से तनाव में थे और पिछले 6 महीनों से डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे। मौजूदा समय में डिप्रेशन के बीच ऐसी कई खबरें सुनने को मिलती रहती है। यदि कोई हताश महसूस करता है या आत्महत्या करने की बात सोचता है, तो सबसे पहले हमारी कोशिश यही रहती है कि हम किसी तरह उस व्यक्ति की मदद कर सके। इसके लिए हम अपने अनुभवों के आधार पर उन्हें सलाह देते हैं और समाधान ढूंढने की कोशिश करते हैं।
कैसे करें तनावग्रस्त व्यक्ति की मदद?
लेकिन यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से गुजर रहा है और तनाव महसूस कर रहा है, तो उनके लिए बेहतर यही है कि हम शांति से उनकी बात सुने। हताश व्यक्ति किसी से जवाब या समाधान नहीं चाहता। वह बस अपने भय और चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित स्थान चाहता है, जहां उसकी बात सुनी जाए। इस दौरान हमें ना केवल उनकी बातों को सुनना चाहिए, बल्कि वह व्यक्ति जो बता रहा है उसके पीछे की भावनाओं को जानने की भी कोशिश करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति की मदद करने के लिए हमें उनके दृष्टिकोण से चीजों को देखना चाहिए, ना कि अपने दृष्टिकोण से
डिप्रेशन की गंभीर अवस्था से गुजर रहे व्यक्ति के मन में जब आत्महत्या करने जैसा विचार आता है, तो ऐसी कुछ चीजें हैं जो वह चाहते हैं, पर किसी से बयां नहीं कर पातें-
बात सुनने वाला व्यक्ति- तनाव से जूझ रहा व्यक्ति किसी ऐसे को अपने पास चाहता है, जो उसकी बातें सुनने के लिए वक्त निकाले। कोई ऐसा जो बिना किसी निर्णय, राय या सलाह के सिर्फ उसकी बातों को सुने।
विश्वासपात्र व्यक्ति- हताशा से भरा व्यक्ति चाहता है कि वह व्यक्ति जो उनकी बातें सुन रहा है, वह उनकी भावनाओं का सम्मान करें और उन पर हावी होने की कोशिश ना करें। वह चाहता है कि जिससे वह अपनी बात कहें, वह उस बात को गुप्त ही रखें।
ध्यान देने वाला कोई व्यक्ति- मानसिक तनाव से गुजर रहा व्यक्ति अपने पास किसी ऐसे शख्स को चाहता है जो समय रहने पर उसके पास मौजूद हो जो उसे मानसिक तौर पर शांति दे ऐसा व्यक्ति जो अपनी बातों से उसका विश्वास जीत सके और कहे कि वह उसकी परवाह करता है
मानसिक तनाव से गुजर रहे व्यक्ति को किन चीजों से बचाना चाहिए?
अकेलापन- डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को जितना हो अकेले रहने से बचाएं। निरस्कार से यह समस्या 10 गुना बढ़ सकती है। यदि आप भी किसी व्यक्ति को मानसिक तनाव से ग्रसित पाते हैं तो उसे अकेलेपन से बचाएं।
सलाह या राय देना- अक्सर मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग अपनी बातें दूसरों को बताने से कतराते हैं। दरअसल वह इस बातचीत के दौरान ‘खुश रहो’ का सुझाव या ‘सब ठीक हो जाएगा’ जैसे आश्वासन से बचना चाहते हैं। वह किसी भी विश्लेषण, तुलना, वर्गीकरण या आलोचना की जगह सिर्फ अपनी बात किसी से कहना चाहते हैं।
सवाल पूछना- खुदकुशी करने का विचार कर रहा व्यक्ति किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं चाहता वह नहीं चाहता कि जिस विषय पर वह बात कर रहा है, उसे बदला जाए या उसकी बातों को सुनकर कोई उस पर दया दिखाएं या कोई कृपा करें। वह बस अपने मन की बात साझा करना चाहता है।
हेल्पलाइन की लें मदद
मानसिक तनाव या खुदकुशी के बारे में सोच रहे व्यक्तियों के लिए ऐसी कई स्वयंसेवी संस्थाएं और अस्पताल है, जो आत्महत्या के लिए प्रेरित हो रहे व्यक्ति की मदद कर रही हैं। हेल्पलाइन वह सुविधा है, जो परेशानी में पड़े लोगों को बिना किसी आलोचना के अपनी बातें कहने की सुविधा देती है। फोन कॉल के जरिए उपलब्ध कुछ सुविधा पूरे सप्ताह 24 घंटे और फिर कुछ निर्धारित घंटे उपलब्ध रहती है। हताशा महसूस करने पर व्यक्ति इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर मदद ले सकते हैं। इसके अलावा डिप्रेशन से जूझ रहा व्यक्ति अपने किसी परिजन या दोस्त को भी मदद मांगने के लिए फोन कर सकते हैं। यह लोग भी आपके भय, व्याग्रता आदि दिक्कतों को दूर करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
इन हेल्पलाइन नंबर्स की ले सकते हैं मदद
- तेलंगाना रोशनी
हेल्पलाइन नंबर- 91-40-66202000
- आंध्र प्रदेश I LIFE
हेल्पलाइन नंबर- 78930-78930
- कर्नाटक आरोग्य सहायवाणी
हेल्पलाइन नंबर- 104
- तमिल नाडू स्नेहा
हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050
- दिल्ली संजीवनी सोसायटी फॉर मेंटल हेल्थ
हेल्पलाइन नंबर- 011-40769002
समय- सोमवार से शनिवार( सुबह 10 से शाम 7:30)
- मुंबई BMC मेंटल हेल्थ
हेल्पलाइन नंबर- 022- 24131212
- वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ
हेल्पलाइन नंबर- 18602662345
- आईकॉल(iCall)
हेल्पलाइन नंबर- 022-25521111
समय- सोमवार से शनिवार( सुबह 8 बजे से रात 10 बजे)
- आसरा
हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669
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