कोरोना अब 'साइलेंट अटैक' कर रहा है। इसकी रिपोर्ट तो निगेटिव आती रहती है, लेकिन दर्द, थकान, कमजोरी और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों के साथ फेफड़ों का इंफेक्शन बढ़ता रहता है। ये कितना घातक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक महीने में फेफड़ों में संक्रमण के कारण जयपुर में 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव थी। मगर जब सीटी स्कैन में इनके फेफड़ों का इंफेक्शन देखा गया तो वह बिल्कुल कोरोना मरीज की तरह संक्रमित थे। भास्कर ने जयपुर के कई पल्मोनरी एक्सपर्ट से बात की तो पुष्टि हुई कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद कई लोग कोरोना के हमले से प्रभावित हो रहे हैं।
कोरोना के मामलों में ये बदलाव दिखा
पहले खांसी, बुखार, गले में खराश कोविड के लक्षण माने जाते थे। पर अब सभी केस में ऐसा नहीं है। सांस लेने में दिक्कत, थकान, कमजोरी, दर्द भी मुख्य लक्षण हो गए हैं। कई मरीजों को निमोनिया हुआ और लंग्स इंफेक्शन तेजी से बढ़ गया।
बचाव कैसे करें
एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। फिर भी थकान, दर्द, कमजोर और सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें। जल्द से जल्द सीटी स्कैन कराएं, ताकि फेफड़ों में संक्रमण का समय रहते पता चल सके।
जिनकी रिपोर्ट निगेटिव उनमें लंग्स इंफेक्शन पॉजिटिव से भी ज्यादा
- क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सीटी स्कैन होने पर 65 मामलों में लंग्स इंफेक्शन
आंच हॉस्पिटल के डॉ. एम के गुप्ता कहते हैं, निगेटिव कोरोना रिपोर्ट वाले मामलों में फेफड़ों में संक्रमण हो रहा है। यह चौंकाने और डराने वाली बात है। सीटी स्कैन कराने वाले 65 फीसदी तक मरीजों के फेफड़े में संक्रमण दिखाई देता है।
निगेटिव रिपोर्ट वाले 90 % मामलों में संक्रमण फेफड़े तक पहुंचा
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र खिप्पल कहते हैं, 15 अगस्त के बाद ऐसे मरीज बढ़े हैं, जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट तो निगेटिव है लेकिन चेस्ट इंफेक्शन है। 90 फीसदी में लंग्स इंफेक्शन है। इसलिए ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ रही है।
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