Friday, September 25, 2020

21 से 65 साल की महिलाओं को तीन साल में एक बार सवाईकल कैंसर की जांच और 50 साल के बाद हर 2 साल में मेमोग्राफी करानी चाहिए

अमेरिका की प्रिवेंटिव सर्विस टास्क फोर्स ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े खतरों को देखते हुए एक गाइडलाइन तैयार की है। इसके कब कौन सा टेस्ट कराएं इसका चार्ट भी जारी किया है। जानिए, कब-कौनसा टेस्ट करवाना चाहिए।

  • हड्डियों के घनत्व के लिए : 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र होने पर हड्डियों के घनत्व से जुड़ा टेस्ट एक बार जरूर कराना चाहिए।
  • ब्रेस्ट कैंसर : 50-74 वर्ष की महिलाओं को प्रत्येक 2 वर्ष में मेमोग्राफी जरूर करानी चाहिए।
  • सर्वाइकल कैंसर : 21 से 65 साल की महिलाओं को तीन साल में एक बार पीएपी टेस्ट जरूर कराना चाहिए।।
  • कोलोरेक्टल कैंसर : 50 से 75 वर्ष की महिलाओं को यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। इसके लिए कई टेस्ट विकल्प हैं।
  • डायबिटीज : यदि ब्लड प्रेशर 135/80 से अधिक अथवा हाई ब्लड प्रेशर के दवा लेती हैं तो डायबिटीज की जांच जरूर कराएं।
  • लिपिड प्रोफाइल : इसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड शामिल है। 20 वर्ष के बाद करा सकते हैं
  • ब्लड प्रेशर : नॉर्मल रेंज 120/80 के बीच है तो 2 साल में एक बार। यदि 120/80139/89 के बीच है तो साल में 1 बार।

खुद को स्वस्थ रखने के लिए ये बातें ध्यान रखें

1. सुबह का नाश्ता जरूरी ये वजन नियंत्रित रखने में मदद करता है
ज्यादातर महिलाएं फैमिली मेम्बर्स की देखभाल करने में नाश्ता करना छोड़ देती हैं या इसे रेग्युलर नहीं लेतीं। ऐसा न करें। सुबह का नाश्ता एनर्जी देता है और वजन भी कंट्रोल में रहता है। नाश्ते में पोहा, उपमा, केला, सेब, संतरा जैसे फल और पनीर, दूध, सूखा मेवा भी ले सकती हैं। इनसे कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है।

2. 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूरी, पानी की बोतल वजन का विकल्प
हफ्ते में 3 दिन में 30 मिनट का एरोबिक वर्कआउट जरूरी है। यह इम्युनिटी बढ़ाता और फिट रखता है। 30 मिनट के वर्कआउट से पहले 10 मिनट का वार्मअप जरूर करें। एक्सरसाइज में स्ट्रेचिंग, स्कवॉट्स कर सकती हैं। अगर घर पर वजन उठाने के लिए कुछ भी नहीं है तो पानी की बोतल के साथ वर्कआउट कर सकती हैं।

3. बॉडी को एक्टिव रखें, पॉश्चर न बिगड़ने दें
बॉडी को एक्टिव रखने की कोशिश करती रहें। जैसे बहुत देर से टीवी देख रही हैं तो कुछ देर के लिए उठकर टहल लें। बैठते वक्त कमर को सीधा रखें। रीढ़ की हड्‌डी झुकाकर न तो चलें और न हीं बैठें।

4. मन को शांत रखें, प्राणायाम और योग को रूटीन का हिस्सा बनाएं

जितना शरीर का फिट रहना जरूरी है उतना अहम है मन का शांत होना। कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि कई बीमारियों की वजह मन का भटकाव, तनाव और बेचैनी है। इस पर काबू पाने के लिए अपने रूटीन में प्राणायाम, योग और ध्यान को शामिल करें। इससे मन को शांति मिलेगी।



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