Tuesday, September 29, 2020

नाक से दी जाने वाली वैक्सीन कोरोना को रोकने में 96 फीसदी तक असरदार, जानवरों के बाद अब इंसानों पर ट्रायल की तैयारी

नाक से दी जाने वाली वैक्सीन से कोरोना को 96 फीसदी तक रोका जा सकता है। यह दावा ऑस्ट्रेलिया की कम्पनी एना रेस्पिरेट्री ने किया है, जिसने यह वैक्सीन तैयार की है। कम्पनी का दावा है, वैक्सीन का ट्रायल जानवरों पर किया जा चुका है जो सफल रहा है। यह इंसानों के इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाकर कोरोना की संक्रमण फैलाने की क्षमता को घटा सकती है।

इंसानों पर ट्रायल की तैयारी
ब्रिटेन की सरकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिसर्च कहती है, ऑस्ट्रेलियाई कम्पनी की नेजल स्प्रे INNA-051 को वैक्सीन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 96 फीसदी तक कोरोना के संक्रमण का खतरा घटाती है। कम्पनी एना रेस्पिरेट्री का कहना है, नेजल स्प्रे INNA-051 का अगले 4 महीनों के इंसानों पर अंदर शुरू हो जाएगा।

चीनी नेजल स्प्रे वैक्सीन का भी ट्रायल शुरू होगा
चीन में भी नाक से दी जाने वाली नेजल स्प्रे वैक्सीन तैयार की गई है। चीन इस वैक्सीन का ट्रायल नवंबर में शुरू होगा। इसके लिए 100 वॉलंटियर्स को चुना जाएगा। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग, शियामेन यूनिवर्सिटी और बीजिंग वंताई बायोलॉजिकल फार्मेसी के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।

वैक्सीन वायरस को नाक में रोकेगी ताकि फेफड़े तक न पहुंच सके
हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक यूऐन क्वोक युंग के मुताबिक, यह वैक्सीन सांस लेने के दौरान आने वाले कोरोनावायरस को रास्ते में रोक देगी जहां से वो फेफड़ों तक जाते हैं। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस पर शुरुआत में ही हमला कर देगा। उसे संक्रमण फैलाने से रोकेगा।

वैक्सीन से मिलेगी दोहरी सुरक्षा
नाक से डाली जाने वाली वैक्सीन से इंफ्लुएंजा और कोरोना वायरस दोनों से सुरक्षा मिलेगी। वैक्सीन के तीनों क्लीनिकल ट्रायल खत्म होने में कम से कम एक साल का समय लगेगा।



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Australian firm says its nasal spray reduced coronavirus growth in animal study


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