अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कैंसर ड्रग AR-12 से कोरोना को रोकने का दावा किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ड्रग से संक्रमण के बाद शरीर में कोरोना की संख्या बढ़ने से भी रोका जा सकता है। AR-12 का इस्तेमाल जीका, इन्फ्लुएंजा, रुबेला, चिकनगुनिया और ड्रग रेसिस्टेंट एचआईवी में किया जा चुका है। अब तक सामने आए परिणाम असरदार रहे हैं।
ऐसे काम करती है दवा
रिसर्च करने वाली अमेरिका की कॉमनवेल्थ वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पाउल डेंट का कहना है, AR-12 ड्रग काफी अलग तरह से काम करती है। यह वायरस के प्रोटीन को तैयार करने वाले उस हिस्से (सेल्युलर शेपरोन) को रोकती है जिसकी वजह से यह संक्रमण फैलाता है।
बायोकेमिकल फार्मेकोलॉजी जर्नल के मुताबिक, वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने के लिए GRP78 प्रोटीन की जरूरत होती है, AR-12 ड्रग इसी प्रोटीन को रोकती है। इसकी मदद से वायरस इंसानों में अपनी संख्या बढ़ाता है।
ओरल ड्रग का बेहतर विकल्प साबित होगा AR-12
रिसर्चर एंड्रयू पोकलेपोविक कहते हैं, AR-12 को ओरल ड्रग (मुंह से दी जाने वाली दवा) के तौर पर दिया जा सकता है। अब तक हुए ट्रायल में साबित हो चुका है कि यह सुरक्षित है।
कोविड-19 के मामलों में ज्यादातर दवाएं इंजेक्शन के जरिए दी जाती हैं, ऐसे में यह ओरल ड्रग का विकल्प मरीजों के बेहतर साबित हो सकता है। यह बिल्कुल वैसे है जैसे हम एंटीबायोटिक्स लेते हैं।
FDA से अप्रूवल की तैयारी
इस ड्रग पर अगला ट्रायल 2021 की शुरुआत में होगा। रिसर्च की स्पीड को और बढ़ाया जाएगा। एंड्रयू कहते हैं, अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इस दवा को इस्तेमाल करने की अनुमति लेने के लिए काम जारी है।
हमें उम्मीद है कि AR-12 कोरोना के मरीजों के लिए राहत देने वाली दवा साबित होगी और महामारी के दायरे को घटाएगी।
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