ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की एक और नई वैक्सीन तैयार की है। इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। वैक्सीन को भारतीय वैज्ञानिक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुमी बिस्वास की कम्पनी स्पायबायोटेक ने बनाया है। स्पायबायोटेक भारतीय कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर नई वैक्सीन ट्रायल कर रही है।
स्पायबायोटेक कम्पनी 2017 में बनी थी जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अंडर में काम करती है। इस कम्पनी का काम कैंसर, संक्रमण से होने वाली बीमारी और क्रॉनिक डिसीज के लिए वैक्सीन तैयार करना है। सुमी विश्वास इस कम्पनी की को-फाउंडटरहैं। उनके मुताबिक, वैक्सीन का पहला और दूसरा ह्यूमन ट्रायल ऑस्ट्रेलिया में शुरू हो गया है। इस दौरान सैकड़ों लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी।
कैसी है नई वैक्सीन
सुमी ने एक इंटरव्यू में बताया, नई वैक्सीन में हेपेटाइटिस-बी एंटीजन वारयरस के कणों को करियर के तौर पर प्रयोग किया गया है। इससे कोरोनावायरस का स्पाइक प्रोटीन जुड़ा है। इसकी मदद से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता डेवलप होगी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की
सुमी कोलकाता की रहने वाली हैं। 2005 में बेंगलुरू यूनिवर्सिटी से माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद ब्रिटेन चली गई थीं। सुमी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली थी। इसके बाद जेनर इंस्टीट्यूट के साथ कई सालों तक काम किया और मलेरिया की वैक्सीन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
प्रोफेसर सुमी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर एड्रियन हिल और सारा गिल्बर्ट के साथ काम कर चुकी हैं। प्रोफेसर एड्रियन हिल और सारा गिल्बर्ट की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन फिलहाल ट्रायल के आखिरी चरण में है।
सीरम इंस्टीट्यूट के साथ किया करार
स्पायबायोटेक ने भारतीय कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन की खुराक तैयार करेगा। इसस पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कम्पनी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 'कोविशील्ड' तैयार करने का करार सीरम इंस्टीट्यूट के साथ हुआ है। इंस्टीट्यूट 1 अरब वैक्सीन की खुराक तैयार करेगा।
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