Friday, September 25, 2020

शिलॉन्ग की नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के रिसचर्स ने बनाई ‘बुक सैनेटाइजिंग मशीन, अल्ट्रावॉयलेट रे और हीट टेक्नोलॉजी से किताबें सैनेटाइज होंगी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC) ने 1 अक्टूबर से देश भर के कॉलेज- यूनिवर्सिटी में नए सेशन की कक्षाएं शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण की स्थिति स्टूडेंट्स और अभिभावकों के बीच चिंता का कारण बनी हुई है।

देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 58 लाख के पार पहुंच गई है। इस संक्रमण के बीच स्टूडेंट्स सुरक्षित रहकर कैम्पस में पढ़ सकें, इसके लिए संस्थान अलग-अलग तरह की व्यवस्थाएं भी कर रहे हैं। शिलांग स्थित नॉर्थ- ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी( NEHU) के शोधकर्ताओं ने स्टूडेंट्स को संक्रमण से बचाने के लिए इसी दिशा में एक बेहतरीन इनोवेशन करते हुए बुक सैनेटाइजिंग मशीन विकसित की है।

3 डिपार्टमेंट ने मिलकर किया अविष्कार

यूनिवर्सिटी के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, बेसिक साइंस और सोशल साइंसेस डिपार्टमेंट्स ने मिलकर किताबों को सैनेटाइज करने की मशीन डेवलप की है।

45 मिनट में सैनेटाइज हो सकेंगी 150 किताबें

मशीन से एक राउंड में 150 किताबें सैनेटाइज हो सकेंगी। ये एक राउंड लगभग 45 मिनट का होगा। किताबों को सैनेटाइज करने की लागत की बात करें तो एक किताब को सैनेटाइज करने का खर्च लगभग 20 पैसा है। ये सैनेटाइजिंग मशीन ऑटो कंट्रोल्ड मोड में काम करेगी।

किताबों के डैमेज होने का खतरा भी नहीं

मशीन को डेवलप करने वाली टीम के एक सदस्य डॉ. असीम सिन्हा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से हुई बातचीत में बताया, मशीन में रीडिंग मटेरियल के डैमेज होने का भी कोई खतरा नहीं है। ये एक कंपोजिट मशीन है, जो किताबों को सैनेटाइज करने के लिए अल्ट्रावॉयलेट रे और हीट टेक्नोलॉजी से किताबों को सैनेटाइज करेगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Researchers from Shillong's North-Eastern Hill University created 'Book Sanitizing Machine, Ultraviolet Ray and Heat Technology to Sanitize Books'


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2RXcMAP
via

No comments:

Post a Comment