अमेरिका में कोरोना का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 57 साल के रॉबर्ट लारा संक्रमित होने के के बाद एक महीने तक कोमा में रहे और 85 दिन तक वेंटिलेटर पर रहे। इतने लम्बे समय के बाद अब धीरे-धीरे रिकवरी हो रही है।
रॉबर्ट अब चलने-फिरने और अपने हाथ से खाना खाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका इलाज लूसियाना के वेस्ट जेफरसन मेडिकल सेंटर में चल रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है, जैसे-जैसे उनमें सुधार तेज होगा, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
हर दिन खुद से लड़ रहे रॉबर्ट
अमेरिका के लूसियाना में रहने वाले रॉबर्ट को करीब 4 महीने पहले बुखार होने पर हॉस्पिटल लाया गया था। रॉबर्ट की पत्नी बर्डी लारा एक रेस्पिरेट्री थैरेपिस्ट हैं। वह कहती हैं, रॉबर्ट हर दिन कोरोना और उसके असर से लड़ रहे हैं। उनका दायां फेफड़ा डैमेज हो गया है। इसे ट्रांसप्लांट करने की जरूरत है।
पत्नी बर्डी के मुताबिक, रॉबर्ट संक्रमित होने से पहले ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवाएं ले रहे हैं। लम्बे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के कारण अब रिकवर होने में लम्बा वक्त लग रहा है।
रॉबर्ट बोले- मैं हारने वाला नहीं
रॉबर्ट का कहना है, कोरोना मेरी जान लेना चाहता था लेकिन मैं हारने वाला नहीं हूं। इस वायरस को हल्के में न लें। यह आपको कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। अपना ख्याल रखिए वरना ये आपको खत्म कर देगा।
मैं डरा हुआ हूं, लेकिन मैं अपने सपनों को पूरा करना चाहता हूं।
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