हॉन्ग-कॉन्ग के एक शख्स को कोरोना का दोबारा संक्रमण हुआ है। यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है। रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। जिस 33 वर्षीय शख्स में दोबारा संक्रमण का मामला मिला है, वह स्पेन से लौटा है।कोरोना से उबरने के बाद नया मामला सामने आना इम्युनिटी पर भी सवाल उठाता है। अब तक शोधकर्ता कह रहे थे कि पहली बार कोरोना से उबरने के बाद मरीजों में वायरस के खिलाफ लम्बे समय तक इम्युनिटी विकसित हो जाती है।
दोबारा संक्रमण जल्दी-जल्दी हो सकता है
इस मामले पर रिसर्च करने वाले हॉन्ग-कॉन्ग यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट केल्विन काय-वेंग का कहना है कि हमारी रिसर्च ये बात साबित करती है कि कोविड-19 का संक्रमण होने के बाद बनने इम्युनिटी जीवनभर नहीं रहती। बल्कि संक्रमण बहुत जल्दी-जल्दी हो सकता है। अगर संदिग्ध तौर पर लक्षण दिखते हैं तो भी जांच जरूर कराएं।
ऐसे सामने आया हॉन्गकॉन्ग का मामला
33 वर्षीय शख्स में दोबारा संक्रमण का मामला स्क्रीनिंग के बाद सामने आया है। वह इसी महीने यूरोप से लौटा था और हॉन्गकॉन्ग एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान पीसीआर टेस्ट हुआ। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मामला चौकाने वाला था क्योंकि यह शख्स साढ़े चार महीने पहले ही कोरोना से रिकवर हो चुका था। माना जा रहा था कि इसमें कोरोना से लड़ने के लिए इम्युनिटी विकसित हो गई होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रिकवरी के बाद मास्क लगाना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग न भूलें
माइक्रोबायोलॉजिस्ट केल्विन काय-वेंग के मुताबिक, रिकवर होने के बाद कोविड-19 के मरीजों को यह नहीं सोचना चाहिए कि दोबारा संक्रमण नहीं हो सकता। इलाज के बाद भी मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बरतने और हाथों को धोना न छोडें।
रिकवरी के बाद कोरोना के टुकड़े कई हफ्तों तक शरीर में रहते हैं
इससे पहले हुई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीज में इसके टुकड़े कई हफ्ते तक रहते हैं, इस कारण शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है। इससे पहले कोरोना के दोबारा संक्रमण के मामले मिले हैं लेकिन किसी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी। लेकिन हॉन्ग-कॉन्ग वाले मामले में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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