महामारी के दौर में अगर छत पर जा रहे हैं तो अलर्ट रहने की जरूरत है। आरएमएल अस्पाताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. ए.के. वार्ष्णेय के मुताबिक वायरस हवा में उसी जगह फैलता है, जहां कोई संक्रमित इंसान बिना मास्क के खांसता या छींकता है। ऐसे में ड्रॉप्लेट्स हवा में मिल जाते हैं लेकिन ये ज्यादा देर तक हवा में नहीं रहते हैं। कुछ ही घंटों में जमीन पर गिर जाते हैं।
डॉ. वार्ष्णेय कहते हैं, अगर बाहर धूप है तो ये सूख जाते हैं। इसलिए अगर छत पर जा रहे हैं तो यह देख लें कि आस-पड़ोस में कोई संक्रमित तो नहीं है। ध्यान रहे, जिस जगह पर ह्यूमिडिटी ज्यादा है या वेंटिलेशन नहीं है,वहां वायरस के कण काफी देर तक मौजूद रहते हैं।
महामारी के दौर कोरोना से जुड़े कई जरूरी सवालों के जवाब आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. ए.के. वार्ष्णेय से जानिए...
#1) क्या बिना जुकाम के बलगम आने पर इसे कोरोना का लक्षण माना जा सकता है?
अगर किसी को पहले से बलगम आता है तो उसका कारण कुछ और हो सकता है, क्योंकि कई बार लोग स्मोकिंग करते हैं तो उन्हें ऐसी परेशानी होती है। लेकिन बलगम की समस्या हाल के दिनों में शुरू हुई है और परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टरी सलाह लें।
#2) क्या लगातार काढ़ा लेना सेहत के लिए खतरनाक है?
कोई भी चीज कितनी फायदेमंद क्यों न हो, जरूरत से ज्यादा लेंगे तो नुकसान होगा। काढ़ा एक आयुर्वेदिक आौषधि है, जिसमें हर चीज का एक खास अनुपात होता है। दूसरी बात कई लोग सोचते हैं कि एक दिन में 4 बार काढ़ा पिएंगे तो वायरस से बच जाएंगे, जबकि ऐसा नहीं होता। जितना विशेषज्ञ बताएं काढ़ा उतना ही पीएं। उसमें अपने मन से कुछ भी अतिरिक्त न मिलाएं।
#3) क्या देश में पोस्ट-कोविड क्लीनिक की शुरुआत हो रही है?
कोविड के कई मरीजों में ठीक होने के बाद कुछ लक्षण देखे गए हैं। फेफड़ों में वायरस का अटैक होने पर ठीक होने के बाद भी कई बार सांस लेने में दिक्कत आती है। उन्हें दबाव महसूस होता है। जब उनकी जांच हुई तो पता चला कि कुछ मरीजों को मानसिक तनाव, बोलने में परेशानी और आवाज लड़खड़ाने के मामले मिले। कोरोना वायरस से पूरी तरह से ठीक होने में वक्त लग रहा है। वायरस नया है इसलिए ऐसे लोगों के लिए पोस्ट कोविड क्लीनिक शुरू की गई है।
#4) कोरोना से उबरने के बाद भी दिक्कत है तो क्या करें?
अक्सर जो लोग गंभीर रूप से बीमार हुए हैं या जिन्हें वेंटिलेटर या ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है, ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज होने के कुछ दिन बाद डॉक्टर दोबारा चेकअप के लिए बुलाते हैं। अगर इस दौरान कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टर को बताएं, घबराएं नहीं। आमतौर पर ऐसे लोगों में डर बैठ जाता है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है। इसलिए अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद रोजाना प्राणायाम करें, फेफड़ों की एक्सरसाइज करना फायदेमंद रहता है।
#5) क्रिकेट खिलाड़ियों के सम्पर्क में आने से सम्पर्क का खतरा कितना है?
क्रिकेट मैच शुरू हो रहे हैं, इसलिए खिलाड़ियों की जांच की जा रही है और वो किसी भी बाहरी से नहीं मिलते हैं। सभी आइसोलेशन में रहते हैं। जिन लोगों की ड्यूटी लग रही है उनकी जांच हो रही है। संक्रमण ज्यादा न फैले, इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। स्टेडियम में मैच बिना दर्शकों के होंगे, इसलिए दर्शक खेल टीवी पर देख सकते हैं।
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