अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खास तरह की चप्पल विकसित की है। यह पानी या मिट्टी में 16 हफ्तों से अधिक रहने पर अपने आप घुल जाएगी। इसका लक्ष्य समुद्र और मिट्टी से प्लास्टिक का कचरा कम करना है। चप्पल को बनाने में पॉलीयूरेथीन फोम का इस्तेमाल किया गया है। इसे समुद्री शैवाल के तेल से तैयार किया गया है।
प्लास्टिक को गलने में हजारों साल लगते हैं
चप्पल को तैयार करने वाली कैलिफोर्निया सैन डिएगो यूनिवर्सिटी के मुताबिक, प्लास्टिक की चप्पलें समुद्र में पहुंचकर जीवों के लिए खतरा बनती हैं। इन्हें गलने में हजारों साल लगते हैं इसलिए हमने ऐसा मैटारियल तैयार किया जो अपने आप इसमें घुल जाता है। इसकी मदद प्लास्टिक और रबर से होने वाला प्रदूषण घटाया जा सकेगा।
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