Monday, August 24, 2020

संक्रमित लोगों में लूज मोशन और पैरालिसिस के मामले भी सामने आए, केवल दवाओं से इम्युनिटी नहीं बढ़ाई जा सकती

क्या बिना डॉक्टरी सलाह लिए दवाएं लेकर इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है, क्या पैरालिसिस भी कोरोना का एक लक्षण और देश में संक्रमण से बचाने वाली हर्ड इम्युनिटी कब विकसित होगी? ऐसे कई सवालों के जवाब प्रसार भारती के विशेष कार्यक्रम में सफदरजंग अस्‍पताल, नई दिल्ली की विशेषज्ञ डॉ. रूपाली मलिक ने दिए। जानिए कोरोना से जुड़े आपके सवाल और एक्सपर्ट के जवाब...

#1) क्या पैरालिसिस भी कोरोना के लक्षण है?
कोरोना के सामान्य लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश, गंध न महसूस होना (smell) हैं। कई लोगों में वायरस के बढ़ने पर सीने में दर्द होता है, यानी फेफड़े पर वायरस का असर होता है। इसके अलावा कई कोरोना पॉजिटिव लोगों में लूज़ मोशन की शिकायत मिली हैं। कुछ मामले आए हैं, जिनमें पैरालिसिस हुआ। चूंकि ऐसे मामले बहुत कम आए हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि ये कोरोना के लक्षणों में से एक है।

#2) इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बिना डॉक्टरी सलाह के दवा (सेल्फ मेडिकेशन) लेना कितना सही है?
कोई भी दवाई केवल इम्युनिटी नहीं बढ़ा सकती है, इसके लिए सबसे अच्छा है खाने का ध्यान रखें, ताजा और हेल्दी खाना खाएं। योग और एक्सरसाइज करें। आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के लिये कई चीजे बताई गई हैं। जैसे- संतरा, नींबू, आंवला और ताजे फल खाएं। हल्दी वाला दूध पिएं। अमेरिका में भी लोग इसका काफी प्रयोग कर रहे हैं।

#3) डिस्पोजेबल मास्क को कैसे उतारना चाहिए?
मास्क पहनने से ज्यादा उसे उतारना अहम है, क्योंकि उतारते वक्त ही संक्रमण का खतरा रहता है। अगर दो डोरियां लगी हैं, तो पहले नीचे की डोरी खोलें, ऊपर की डोरी पहले खोल दी तो मास्क पलट कर चेहरे या गर्दन पर लग जाएगा। अगर इलास्टिक है तो ध्‍यान से खींच कर उतारें। ध्‍यान रहे मास्क का रिबन या इलास्टिक पकड़ कर ही उतारना है।

#4) आइसोलेशन पीरियड पूरा होने के बाद भी लोग दूरी बना रहे हैं, ऐसे में क्या करें?
इस तरह की सोच से बाहर आने की जरूरत है, यह सोशल स्टिग्मा है। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को अगर 14 दिन के आइसोलेशन के बाद कोई परेशानी नहीं आती है तो वो ठीक है। अगर अस्पताल एडमिट हुए हैं तो उसके बाद एक हफ्ते के लिए क्वारैंटाइन किया जाता है। वह भी पूरा कर लिया है तो व्यक्ति के अंदर वायरस खत्म हो चुका है। अब इनसे किसी को संक्रमण का खतरा नहीं है, अपने मन से डर निकाल दें। अगर देखें तो देश के कई नेता, अभिनेता संक्रमित हुए और ठीक होने के बाद अपना काम कर रहे हैं।

#5) देश में कोरोना से हर्ड इम्‍युनिटी विकसित करने में अभी कितना समय लगेगा।
देश में कोरोना वायरस के जैसे-जैसे केस बढ़ रहे हैं, रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है और इसी के साथ लोगों में इम्युनिटी वाले लोग भी बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच कई अलग-अलग जगह कराए गए सीरो सर्वे के परिणाम के मुताबिक, देश में कई लोग बिना किसी इलाज या दवा या फिर बिना टेस्ट के ठीक हो चुके हैं और उनके अंदर कोरोना ले लड़ने वाले एंटीबॉडी पाई गई हैं। लेकिन अभी यह मत समझिए कि हर्ड इम्‍युनिटी विकसित हो गई है। अभी हर्ड इम्युनिटी आने में वक्त है। अभी कोरोना का दूसरा पीक सीजन आ सकता है।

डॉ. रूपाली ने कहा, जैसे-जैसे बीमारी देश के दूसरे क्षेत्रों में पहुंचेगी नंबर और बढ़ेंगे। इसके अलावा अगर देश में 60 से 70 प्रतिशत लोग इंफेक्टेड होते हैं, तभी हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ेंगे और उसके बाद शायद केस कम होंगे। क्योंकि तब वायरस ट्रांशमिशन की चेन टूट जायेगी। यानी जब संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा होगा, तब बीच में एक इम्यून व्यक्ति आ जायेगा तो चेन टूट जायेगी। अभी करीब 30 प्रतिशत लोग इम्यून हैं। 70 प्रतिशत लोग वायरस से अभी दूर हैं।

उन्होंने कहा, अब अगर दोबारा से नंबर बढ़ेगे तो सेकेंड पीक आएगा और अगर धीरे-धीरे फ्लैट होकर चलता रहा तो आराम से निकल जाएगा। अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर आदि सभी सुविधाएं मौजूद हैं, चिकित्साकर्मी तैयार हैं। हालांकि पीक न आए, लोग ज्यादा संक्रमित न हों तो ही अच्‍छा है, क्योंकि हमारे यहां जनसंख्या बहुत ज्यादा है। अगर एक साथ ज्यादा लोग संक्रमित होंगे तो अलग-अलग क्षेत्र में तुरंत उन्हें चिकित्सा सुविधा मिलना मुश्किल होगा। इसलिये सभी को वायरस से खुद को सुरक्षित रखना है।



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Coronavirus (Covid-19); Answers To Is Paralysis Also A Symptom Of Corona, Isolation Period, Disposable Mask, Herd Immunity About Covid-19 Infectious Disease


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