क्या वायरल : सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारत में बनने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड 73 दिनों के भीतर बाजार में आ जाएगी।
भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एक ब्रिटिश कंपनी मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन बना रहे हैं । वैक्सीन के उत्पादन के लिए ऑक्सफोर्ड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार किया है।
देश में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 32 लाख के पार पहुंच गई है। वैज्ञानिक इस कोशिश में हैं कि जल्द से जल्द वैक्सीन के सभी चरणों के ट्रायल पूरे कर इसे बाजार में लाया जाए। जिससे भारत में संक्रमण की स्थिति काबू में आ सके। देश में इस समय कोरोना वायरस की छह वैक्सीन पर काम चल रहा है। हालांकी, इसी बीच सोशल मीडिया पर वैक्सीन से जुड़ी कई भ्रामक सूचनाएं भी फैलाई जा रही हैं।
वायरल हो रहा मैसेज
वो सुखद खबर जिसका बेसब्री से इंतजार था..
भारत की पहली कोरोना वैक्सीन 'कोविशिल्ड' अगले 73 दिनों में बाजार में उपलब्ध होगी।
कोविशिल्ड पूना के बायोटेक इन्स्टिट्यूट द्वारा बनाई गई है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार सभी भारतीयों को यह वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराएगी
दावे से जुड़े ट्वीट
## ##फेसबुक पर भी 73 दिन में कोरोना वैक्सीन बनने का दावा किया जा रहा है
फैक्ट चेक पड़ताल
- इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिससे पुष्टि होती हो कि 73 दिनों में कोरोना वैक्सीन के भारतीय बाजार में आने का दावा सही है।
- कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा। लिहाजा हमने दावे की सत्यता जांचने के लिए इस इंस्टीट्यूट द्वारा पिछले एक सप्ताह में जारी किए गए अपडेट चेक करना शुरू किए।
- 23 अगस्त को खुद सीरम इंस्टीट्यूट ने ट्वीट कर बताया है कि 73 दिनों में वैक्सीन के बाजार में आने वाला दावा झूठा है। वर्तमान में कोविशील्ड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।
- दैनिक भास्कर वेबसाइट पर 2 दिन पहले की इस खबर में स्पष्ट किया गया है कि 73 दिन में कोरोना वैक्सीन आने का दावा झूठा है।
निष्कर्ष : 73 दिनों के भीतर कोविशील्ड वैक्सीन के बाजार में आने का दावा झूठा है ।
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