चेन्नई के एक प्राइवेट अस्पताल में 48 साल के कोरोना पीड़ित का ट्रांसप्लांट हुआ। कोरोना के कारण दोनों फेफड़े बुरी तरह डैमेज हो चुके थे। हालत अधिक बिगड़ने पर उसे गाजियाबाद से चेन्नई के एमजीएच हेल्थकेयर अस्पताल लाया गया। यहां उसके दोनों फेफड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया। यह कोविड-19 मरीज में हुआ एशिया का पहला लंग ट्रांसप्लांट है।
संक्रमण के बाद फेफड़े बुरी तरह डैमेज हुए
एमजीएच हेल्थकेयर अस्पताल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मरीज दिल्ली का रहने वाला है। 8 जून को उसकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उस समय फेफड़े का एक छोटा सा हिस्सा ही काम कर रहा था। कोरोना के संक्रमण के कारण उसके फेफड़े बुरी तरह से डैमेज हो चुके थे। संक्रमण के बाद डेढ़ महीने तक फेफड़े फायब्रोसिस की समस्या से जूझ रहे थे।
वेंटिलेटर सपोर्ट भी बेअसर रहा
सांस लेने में बढ़ती दिक्कत और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर उसे 20 जून को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। वेंटिलेटर सपोर्ट के बाद भी हालत बिगड़ती रही। इसके बाद उसे 20 जुलाई को गाजियाबाद से चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल लाया गया।
मरीज को 25 जुलाई से अगले एक महीने तक इक्मो सपोर्ट दिया गया। हालत में अधिक सुधार न होने पर डॉक्टर्स ने 27 अगस्त को लंग ट्रांसप्लांट किया।
दोनों फेफड़े बेहतर काम कर रहे हैं
हॉस्पिटल के चेयरमैन और हॉर्ट-लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के हेड डॉ. के आर बालाकृष्णन के मुताबिक, मरीज को दिया जा रहा इक्मो सपोर्ट भी हटा लिया गया। लंग ट्रांसप्लांटेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है। अब मरीज के दोनों फेफड़े बेहतर काम कर रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2EPMSLR
via
No comments:
Post a Comment